मृतका के परिजनों का आरोप है कि प्रसव के दौरान आपरेशन में लापरवाही बरती गई। उन्होंने बताया कि 19 मार्च को डा. पिंकी वर्णवाल ने आपरेशन किया था। जिसके बाद प्रसूता की तबीयत बिगड़ने लगी। इसके बाद चिकित्सक ने रेफर करते हुए जबरन बिहार शरीफ के एक निजी क्लीनिक में भेज दिया। परिजनों का कहना है कि वे लोग मरीज को बिहार शरीफ में दिखाने को तैयार नहीं थे। लेकिन संजीवन अस्पताल के चिकित्सक व कर्मियों ने मरीज को बिहार शरीफ ले जाने का दबाव बना दिया। वहां भी इलाज के क्रम में स्थिति में सुधार नहीं हुई तो मरीज को लेकर पटना के एक निजी क्लीनिक में पहुंच गए। वहां चिकित्सकों ने बताया कि आपरेशन के क्रम में इंफेक्शन हो गया। अब यह काफी बढ़ गया है। फलस्वरुप मरीज को बचा पाना संभव नहीं है। अंततः: 26 मार्च को महिला की जान चली गई।
प्रसव कराने को लिए गए थे 80 हजार रुपए
मृतका के परिजनों ने बताया कि प्रसव और आपरेशन के नाम पर 80 हजार रुपए लिए गए थे। पूरी राशि का भुगतान कर दिया गया था। फिर भी चिकित्सक के स्तर पर लापरवाही बरती गई, जिसके चलते महिला की जान गई है। उनका कहना था कि बिहार शरीफ में जिस क्लीनिक में उन्हें जबरन भेजा गया था, वहां से भी चिकित्सक की मिलीभगत है। परिजनों ने इसे लेकर काफी शोर-शराबा किया। लेकिन चिकित्सक सामने नहीं आई।
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