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Wednesday, 1 June 2022

Jharkhand Mandar Bypoll: कांग्रेस ने शिल्पी नेहा तिर्की को बनाया कैंडिडेट, पिता को सजा होने पर खत्म हुई सदस्यता

 

Mandar Assembly Bypoll: आय से अधिक संपत्ति मामले में 28 मार्च को तीन साल की सजा के बाद बंधु तिर्की की सदस्यता खत्म हो गई है.


Jharkhand Vidhan Sabha By Poll: झारखंड के मांडर विधानसभा उपचुनाव (Jharkhand Mandar Bypoll) के लिए कांग्रेस ने पूर्व विधायक बंधु तिर्की (Bandhu Tirkey) की बेटी शिल्पी नेहा तिर्की (Shilpi Neha Tirkey) को टिकट दिया है. आय से अधिक संपत्ति के मामले में सजा होने के बाद बंधु तिर्की की विधानसभा सदस्यता समाप्त हो गई थी और नियमानुसार वे 6 सालों के लिए चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य भी हो गए हैं. 

झारखंड विकास मोर्चा से कांग्रेस (Congress) में गये विधायक बंधु तिर्की की सदस्यता आय से अधिक संपत्ति मामले में 28 मार्च को तीन वर्ष कैद की सजा पाने के बाद सदस्यता खत्म हुई है. झारखंड के रांची जिले के मांडर विधानसभा क्षेत्र के लिए आगामी उपचुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया सोमवार को शुरू हुई है. उम्मीदवार अपना नामांकन पत्र 6 जून तक जमा कर सकते हैं, जबकि ऐसे दस्तावेज वापस लेने की अंतिम तिथि 9 जून निर्धारित की गई है. उपचुनाव 23 जून को होगा और वोटों की गिनती 26 जून को होगी.

वर्तमान में सदन की स्थिति

वर्तमान विधानसभा में जहां सत्ताधारी झामुमो के तीस विधायक हैं वहीं उसकी समर्थक कांग्रेस के कुल 17 विधायक हैं और दूसरी समर्थक पार्टी राजद का एक विधायक है, जबकि मुख्य विपक्षी BJP के कुल 26 विधायक हैं और उसे कम से कम दो अन्य विधायकों के समर्थन का विश्वास है. 

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आय से अधिक संपत्ति का मामला

बंधु तिर्की वर्ष 2006 से 2008 तक झारखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री मधु कोड़ा के कैबिनेट में लगभग 23 महीने तक मंत्री रहे थे. मंत्री रहते हुए उनपर अपनी आय से छह लाख 28 हजार रुपये की अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप था. इस संबंध में झारखंड हाइकोर्ट में याचिका दायर होने के बाद 11 अगस्त 2010 को सीबीआई ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी. इस मामले में उन्हें गिरफ्तार कर जेल भी भेजा गया था.

2013 में दाखिल हुई चार्चशीट

केस में सीबीआई की ओर से 2013 में चार्जशीट दाखिल की गयी, लेकिन कुछ महीने बाद सीबीआई ने मई 2013 में अदालत में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की थी, जिसमें बताया गया था कि तिर्की के पास आय से अधिक संपत्ति तो है, लेकिन उतनी नहीं कि उनके विरुद्ध मुकदमा चले. कोर्ट के सीबीआई की दलील को खारिज करते हुए मामले में संज्ञान लेते हुए नोटिस जारी किया था. कोर्ट के निर्देश पर मुकदमा चला. 16 जनवरी 2019 को बंधु तिर्की के खिलाफ आरोप तय किया गया. इस मामले में अभियोजन की ओर से 21 तथा बचाव पक्ष की ओर से 8 गवाह पेश किये गये थे.


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