मुंबई. शिवसेना नेता संजय राउत ने रविवार को कहा कि बागी विधायकों को ईमानदारी पूर्वक यह स्वीकार करना चाहिए कि उन्होंने केंद्रीय जांच एजेंसियों से खुद को बचाने के लिए पार्टी नेतृत्व के खिलाफ विद्रोह किया था. राउत ने पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ में प्रकाशित साप्ताहिक लेख ‘रोखठोक’ में कहा, विद्रोही समूह को यह कहना बंद करना चाहिए कि उन्होंने इसलिए पाला बदला क्योंकि शिवसेना ने हिंदुत्व को छोड़ दिया था. हिंदुत्व को बेवजह बदनाम क्यों कर रहे हैं? ईमानदारी दिखाते हुए कहिए कि सभी प्रवर्तन निदेशालय से खुद को बचाने के लिए भागे थे.
राउत ने दावा किया कि शिवसेना के नेता अर्जुन खोतकर ने ईमानदारी पूर्वक स्वीकार किया है कि वह दबाव में थे और यही कारण था कि वह विद्रोही गुट में शामिल हुए. उन्होंने कहा कि ईडी ने शिवसेना सांसद भावना गवली के करीबी सहयोगी रईस खान को गिरफ्तार किया, लेकिन शिवसेना के खिलाफ गवली के विद्रोह करते ही खान को छोड़ दिया गया और गवली की जब्त संपत्ति पर से रोक हटा ली गई.
गौरतलब है कि शिवसेना सांसद संजय राउत पर ईडी यानी प्रवर्तन निदेशालय का शिकंजा बढ़ता जा रहा है. आज भीमुंबई में भूमि घोटाला मामले में रविवार को शिवसेना नेता संजय राउत के आवास पर कई घंटों की छापेमारी के बाद उन्हें हिरासत में ले लिया है. ईडी ने धनशोधन के एक मामले में शिवसेना सांसद संजय राउत के मुंबई स्थित आवास पर छापा मारा था. इससे पहले, ईडी ने राउत के खिलाफ कई समन जारी किए थे, उन्हें 27 जुलाई को भी तलब किया गया था.
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