लखनऊ. ”घंटी बजी-कॉल ऑफिसर्स-जी सर हम आपकी क्या मदद कर सकते हैं? उधर से कांपती हुई आवाज आई- मेरे बच्चे मुझे बहुत सताते हैं. रिटायरमेंट होने के बाद से मैं घर पर ही हूं. मेरे बच्चे मुझे बोझ समझते हैं. मैं चाहता हूं आप लोग मुझे किसी वृद्धाश्रम में पहुंचा दें.” ऊपर लिखे शब्द कोई काल्पनिक कहानी नहीं है बल्कि यह उत्तर प्रदेश के बुजुर्गों का दर्द है, जो अब यूपी समाज कल्याण विभाग की ओर से शुरू की गई टोल फ्री सेवा 14567 के जरिए सामने आ रहा है. इस टोल फ्री नंबर पर उत्तर प्रदेश के 75 जिलों से रोजाना 1400 से 1500 शिकायतें बुजुर्गों की आ रही हैं.
यूपी में सबसे ज्यादा शिकायतें इटावा, लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, मेरठ और बरेली से आ रही हैं. यहां पर बुजुर्गों के साथ पड़ोसी और विभाग के अधिकारियों के साथ ही उनके अपने भी उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहे हैं. टोल फ्री नंबर पर कॉल आने के बाद अधिकारी जरूरत पड़ने पर घर जाकर भी प्रताड़ित करने वाले को चेतावनी दे रहे हैं. इसके अलावा जरूरत पड़ने पर कार्रवाई भी कर रहे हैं.
एक साल में दोगुने शिकायतें आने लगी
17 मई 2021 को टोल फ्री नंबर की शुरुआत बुजुर्गों की मदद के लिए की गई थी. शुरुआत में इस नंबर पर उत्तर प्रदेश के 75 जिलों से करीब 200 से ढाई सौ शिकायतें प्रतिदिन आती थी, लेकिन अब 1 साल बीत जाने के बाद इस टोल फ्री नंबर पर 1400 से लेकर 1500 तक शिकायतें आ रही हैं. 14567 टोल फ्री नंबर पर सुबह आठ बजे से लेकर रात आठ बजे तक कॉल की जा सकती है.
इन दिक्कतों को किया जा रहा है दूर
इस टोल फ्री नंबर के जरिए बुजुर्गों की पेंशन से जुड़ी दिक्कत, पारिवारिक प्रताड़ना, बैंक में खाता खुलवाने से लेकर उनको नई पासबुक और चेक बुक दिलवाने में मदद करना, बुजुर्गों को भावनात्मक रुप से सहयोग करना, उनके अकेलेपन को दूर करने के लिए कुछ देर उनसे बात करना, अकेले घरों में रह रहे बुजुर्गों को उनके घर तक दवाइयां पहुंचाना, राशन पहुंचाना, अस्पतालों में बेड मिलने पर दिक्कत होने पर मदद करना और पड़ोसियों के द्वारा परेशान किए जाने पर उन पर कार्रवाई करना जैसी सभी दिक्कतों का समाधान किया जा रहा है. जब दिक्कत किसी सरकारी विभाग से जुड़ी होती है तो टीम उस सरकारी विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों से बात करके बुजुर्ग की दिक्कतों को दूर करती है.
हमसफर बन गया है 14567
यह नेशनल हेल्प लाइन है. इसका ऑफिस लखनऊ में समिट बिल्डिंग गोमती नगर में है. इसके प्रोजेक्ट मैनेजर रजत त्रिपाठी ने बताया कि बुजुर्गों पर समाज में हो रहे सभी प्रकार के अत्याचारों और बुजुर्गों की सभी प्रकार के दिक्कतों के समाधान के लिए यह टोल फ्री नंबर हमसफर बनकर उनकी मदद कर रहा है. एक साल में दोगुनी शिकायतें आ रही हैं. 20 कॉल ऑफिसर ऑफिस में कार्य करते हैं. इसके अलावा हर जिले में समाज कल्याण का एक ऑफिसर है. शिकायत आने पर कोशिश की जाती है कि फोन पर बात करके उनकी समस्या का समाधान किया जा सके. जब बड़ी समस्या होती है तो अधिकारी घर जाते हैं और उनसे बात करते हैं. कोई प्रताड़ना का मामला है तो कार्रवाई करते हैं. वहीं, जिला समाज कल्याण अधिकारी सुनीता सिंह ने बताया कि इस सेंटर के जरिए बुजुर्गों की सभी प्रकार की दिक्कतों को दूर किया जा रहा है. क्वालिटी लीडर प्रियंका सिंह ने बताया कि 48 घंटे में बुजुर्गों के पास कॉल करके फीडबैक भी लिया जाता है कि उनकी दिक्कत दूर हुई या नहीं. टीम लीडर फातिमा ने बताया कि बुजुर्गों को पूरी तरह से सहयोग इस हेल्पलाइन के जरिए किया जा रहा है.
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