दो साल के कोरोना काल के बाद अब इस साल गेहूं की फसल की अच्छी बिकवाली को लेकर किसान उत्साहित हैं। इसके साथ सोमवार से प्रदेश में समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी शुरू हो गई है। तमाम आकलन के बाद सरकार ने इस बार समर्थन मूल्य 2015 रु. प्रति क्विटंल निर्धारित किया है। इसके पूर्व आठ दिनों में इंदौर-उज्जैन में गेहूं कीमत में उतार-चढ़ाव रहे। हालांकि इन आठ दिनों में चार दिन तो अवकाश के कारण मंडिया बंद रही। इस दौरान न्यूनतम भाव 1600 रु. तो अधिकतम 2696 रु. रहा। मॉडल भाव 2010 से लेकर 2106 रु. तक रहा। इंदौर की तुलना में उज्जैन की मंडियों में गेहूं की आवक दोगुना से ज्यादा रही।
इंदौर कृषि उपज मंडी के अनुसार 28 मार्च से 4 अप्रैल तक समर्थन मूल्य की खरीदी और सामान्य खरीदी के भाव ऐसे रहे-
तारीख | आवक | न्यूनतम भाव | मॉडल भाव | अधिकतम भाव |
28 मार्च | 15700 बोरी | 1950 रु. | 2030 रु. | 2600 रु. |
29 मार्च | 9000 बोरी | 1950 रु. | 2032 रु. | 2555 रु. |
30 मार्च | 9800 बोरी | 1930 रु. | 2010 रु. | 2500 रु. |
4 अप्रैल | 8800 बोरी | 1985 रु. | 2026 रु. | 2696 रु. |
- 31 मार्च: क्लोजिंग के चलते मंडी बंद रही।
- 1 अप्रैल: अमावस के कारण मंडी बंद रही।
- 2 अप्रैल: चेटीचंड के कारण मंडी बंद रही।
- 3 अप्रैल: रविवार अवकाश था।
यानी इंदौर में मार्च माह के आखिरी तीन दिन दिनों व अप्रैल के एक दिन में कुल चार दिनों में 43300 बोरियों की आवक हुई। इस दौरान न्यूनतम भाव 1930 रु. तो अधिकतम 2696 रु प्रति क्विंटल रहा।
उज्जैन कृषि उपज मंडी के अनुसार 28 मार्च से 4 अप्रैल तक समर्थन मूल्य की खरीदी और सामान्य खरीदी के भाव ऐसे रहे-
तारीख | आवक | न्यूनतम भाव | मॉडल भाव | अधिकतम भाव |
28 मार्च | 24097 बोरी | 1905 रु. | 2046 रु. | 2212 रु. |
29 मार्च | 35715 बोरी | 1651 रु. | 2030 रु. | 2215 रु. |
30 मार्च | 30840 बोरी | 1811 रु. | 2056 रु. | 2218 रु. |
4 अप्रैल | 31100 बोरी | 1600 रु. | 2106 रु. | 2200 रु. |
- 31 मार्च: क्लोजिंग के चलते मंडी बंद रही।
- 1 अप्रैल: अमावस के कारण मंडी बंद रही।
- 2 अप्रैल: चेटीचंड के कारण मंडी बंद रही।
- 3 अप्रैल: रविवार अवकाश था।
यानी उज्जैन में चार दिनों में कुल 1,21,752 बोरियों की आवक रही। इस दौरान न्यूनतम भाव 1811 रु. तो अधिकतम 2218 रु. प्रति क्विंटल रहा। इस लिहाज से उज्जैन की मंडियों में गेहूं की आवक आधी से भी कम रही। इसी तरह न्यूनतम व अधिकतम भाव भी इंदौर की तुलना में कम रही जिससे अच्छा प्रतिसाद मिला।
भोपाल में 3 दिन में खुली मंडी, भाव मिले 2300 रुपए क्विंटल
भोपाल जिले में भी समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी शुरू हो गई है, लेकिन किसान अपना गेहूं सरकार को बेचने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। यही कारण है कि पहले दिन खरीदी केंद्रों पर किसानों की संख्या न के बराबर रही। कहीं 2-3 स्लॉट बुक कराए गए तो कई केंद्र सूने रहे। वहां पर किसानों का इंतजार होता रहा। इसके उलट करोंद मंडी में गेहूं की अच्छी आवक हो रही है। 3 दिन बाद खुली करोंद मंडी में सोमवार को गेहूं की आवक 10 हजार क्विंटल के पार रही। वहीं किसानों को भाव 2300 रुपए प्रति क्विंटल तक मिलें। अन्नपूर्णा और लोकवन क्वॉलिटी के गेहूं के भाव इतने रहे। मिल और मालवा राज क्वॉलिटी का गेहूं 2000 से 2200 रुपए प्रति क्विंटल तक बिका।
मंडी में भाव अच्छा, इसलिए किसानों का ऐसा रुझान
यूक्रेन-रूस विवाद के बाद से ही किसानों को प्रदेश की मंडियों में गेहूं के अच्छे भाव मिल रहे हैं। यहां से गेहूं बाहर भेजा जा रहा है। इस कारण भाव भी बढ़े हुए हैं। यह सिलसिला अब भी जारी है। दूसरी ओर सरकार किसानों का गेहूं 2015 रुपए प्रति क्विंटल के भाव पर खरीद रही है। चूंकि, मंडी में भाव अच्छे मिल रहे हैं। इसलिए किसानों का रूझान सरकार की बजाय मंडी में व्यापारियों को गेहूं बेचने की ओर ज्यादा है।
जबलपुर मंडी भाव
सोसायटी में 2015 रुपए प्रति क्विंटल रेट दिया जा रहा है और मार्केट में 1850 से 1950 रुपए के बीच बिक रहा है।
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