बिहार विधान परिषद चुनाव की 24 सीटों पर हो रहे MLC चुनाव का प्रचार शनिवार शाम थम जाएगा। भास्कर आपको इनमें से 10 हॉट सीटों के बारे में बता रहा है, जिन पर सबकी निगाहें टिकी हैं। ये सीटें हैं - पटना, वैशाली, सारण, भोजपुर, सीवान, मुंगेर, कोसी, नवादा, मधुबनी और दरभंगा।
MLC चुनाव प्रचार का शाम 4 बजे थम जाएगा शोर: अगले 48 घंटे तक सभा या मीटिंग करने पर प्रत्याशियों पर होगी कार्रवाई, 4 अप्रैल को होगा चुनाव
पटना- राजधानी की इस सीट से राजद में दो दावेदार थे। दोनों दबंग। रीतलाल अपने भाई को टिकट दिलाना चाहते थे और अनंत सिंह अपने सहयोगी कार्तिकेय को। आखिरकार तय हुआ कि कार्तिकेय को उतारा जाए। अनंत सिंह ने तेजस्वी यादव से कह दिया था कि इस सीट पर जीत की जिम्मेदारी मेरी होगी। कार्तिकेय को टिकट देने की घोषणा खुद लालू प्रसाद यादव ने पटना में राबड़ी आवास पर की थी। तेजस्वी यादव और मीसा भारती के साथ ही रीतलाल यादव भी तब मौजूद थे। पटना सीट पर NDA की ओर से वाल्मीकि सिंह चुनाव लड़ रहे हैं।
वैशाली- नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव का विधानसभा क्षेत्र इसी में आता है। यह लालू फैमिली का गढ़ रहा है। यहां से राजद के सुबोध राय मैदान में हैं। ये सीटिंग एमएलसी हैं। यहां से NDA ने LJP (पशुपति पारस) के भूषण राय को टिकट दिया है।
सारण- यहां भाजपा के सच्चिदानंद राय को टिकट नहीं मिला तो उन्होंने विद्रोह कर दिया है। वे सीटिंग एमएलसी हैं। निर्दलीय ताल ठोंक रहे हैं। भाजपा ने धर्मेन्द्र कुमार सिंह को टिकट दिया है। राजद से सुधांशु रंजन पांडेय मैदान में हैं। सारण भी लालू फैमिली का गढ़ माना जाता है। सच्चिदानंद के लड़ने से राजद को फायदा हो सकता है। उधर, भाजपा के लिए चुनौती है कि सच्चिदानंद का टिकट काट कर धर्मेन्द्र सिंह को टिकट देने का फैसला सही साबित हो।
भोजपुर- राजद ने यहां भोजपुरी फिल्मों से जुड़े अनिल सम्राट को टिकट दिया है। वे पिछले दिनों शीर्षासन करते दिखे थे। यह सीट इसलिए हॉट है कि राजद से एमएलसी रहे राधाचरण सेठ अब जदयू से मैदान में हैं। राधा चरण सेठ सीटिंग एमएलसी हैं और धन-बल से काफी मजबूत हैं, लेकिन तेजस्वी यादव ने उन्हें हराने के लिए अनिल सम्राट को उतारा है और हर तरह की मदद का आश्वासन भी दिया है। खुद तेजस्वी यादव के लिए यह सीट नाक की लड़ाई है।
सीवान- यह शहाबुद्दीन का क्षेत्र रहा है। कुछ दिन पहले यहां से आने वाले विधान परिषद के पूर्व उपसभापति सलीम परवेज ने इस सवाल पर राजद छोड़ जदयू की सदस्यता ले ली कि शहाबुद्दीन जब दिल्ली एम्स में इलाजरत थे तब लालू परिवार से कोई झांकने तक नहीं गया था। हालांकि यह उनकी घर वापसी थी, छपरा से एमएलसी थे। यहां विनोद जायसवाल राजद के उम्मीदवार हैं। यह टुन्ना पांडेय का क्षेत्र है वे भाजपा के एमएलसी रह चुके हैं। सोशल मीडिया पर भी खूब सक्रिय रहते हैं। उनके भाई बच्चा पांडेय बड़हड़िया से राजद के विधायक हैं। जानकारी है कि टुन्ना पांडेय राजद को मदद कर रहे हैं। मनोज कुमार सिंह भाजपा के उम्मीदवार यहां से हैं।
मुंगेर- यह जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह का संसदीय क्षेत्र है। इसलिए उनकी प्रतिष्ठा यहां दांव पर है। वे पूरा जोर लगा रहे हैं। पूर्व एमएसी संजय प्रसाद को जदयू ने उतारा है। राजद ने अजय सिंह को यहां उतारा है। गुड्डू यादव निर्दलीय खड़े हैं, जिनकी पत्नी जिला परिषद सदस्य हैं। ललन सिंह की वजह से यह सीट हॉट हो गई है।
कोसी- इसमें सहरसा, सुपौल, मधेपुरा का इलाका आता है। यह इलाका यादव बेल्ट माना जाता है। यह सीट काफी चर्चा में इसलिए है कि यहां से बिहार सरकार के मंत्री नीरज कुमार बबलू की पत्नी नूतन सिंह चुनाव लड़ रही हैं। वे भाजपा की सीटिंग एमएलसी भी हैं। राजद ने यहां डॉ. अजय सिंह को टिकट दिया है।
नवादा- इस सीट के चर्चा में रहने का कारण यह है कि यहां के राजद जिलाध्यक्ष महेन्द्र यादव ने अध्यक्ष पद छोड़ दिया है। यहां से राजद ने श्रवण कुशवाहा को टिकट दिया है। श्रवण कुशवाहा ने पिछली बार एमएलसी का चुनाव भाजपा उम्मीदवार के तौर पर लड़ा था। जदयू के सलमान रागिव को कड़ी टक्कर दी थी लेकिन उस वक्त भी भाजपा के एक विधायक का साथ नहीं मिलने से उन्हें पराजय का सामना करना पड़ा था। जदयू ने यहां से सलमान रागिव को उतारा है। केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह बेगूसराय से पहले नवादा से सांसद रह चुके हैं इसलिए नवादा को भूमिहारों का गढ़ माना जाता है। कुशवाहा वोट बैंक आम तौर जदयू का वोट बैंक माना जाता है लेकिन राजद ने इस सीट पर बड़ा रिस्क लेकर प्रयोग किया है और कुशवाहा को टिकट दिया है।
मधुबनी- यह सीट इसलिए चर्चा में है कि यहां राजद के विधायक रहे गुलाब राय को राजद ने पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। अब उनकी पत्नी अंबिका गुलाब राय यहां से निर्दलीय चुनाव लड़ रही हैं। निवर्तमान एमएलसी सुमन महासेठ बागी होकर मधुबनी से निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरे हैं जिस वजह से भाजपा कार्यकर्ताओं में संशय की स्थिति बन गई। यहां राजद ने मेराज आलम को उतारा है। यहां जदयू के पूर्व एमएलसी विनोद सिंह मैदान में हैं।
दरभंगा- इस सीट पर राजद के वरिष्ठ नेता अब्दुलबारी सिद्दीकी की प्रतिष्ठा इसलिए जुड़ी है कि उन्हें राजद ने यहां का प्रभारी बनाया है। यहां राजद के उदय शंकर यादव चुनाव लड़ रहे हैं। भाजपा से पूर्व विधायक सुनील चौधरी मैदान में हैं। कांग्रेस का गठबंधन राजद के साथ एमएलसी चुनाव में नहीं हुआ है इसलिए कांग्रेस ने राजद का खेल बिगाड़ने के लिए यहां से मोहम्मद इम्तियाज को उतार दिया है। जानकारी है कि यहां राजद से केन्द्र में मंत्री रहे एक बड़े नेता सिरदर्द साबित हो रहे हैं। उन्हें राजद ने लोकसभा चुनाव में अब्दुलबारी सिद्दीकी का विरोध करने के आरोप में पार्टी से बाहर किया था।
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